राम श्रवण की जन्मभूमि रेछल प्रपंच फिर क्यूँ रे राम श्रवण की जन्मभूमि रेछल प्रपंच फिर क्यूँ रे
फिर फ़रमान कोई साथ लाया हूँ,तेरे दर्द की दवा साथ लाया हूँ। फिर फ़रमान कोई साथ लाया हूँ,तेरे दर्द की दवा साथ लाया हूँ।
तोड़ रिश्ते तो हम भी सारे आए थे फिर कच्ची कहाँ डोर पड़ गयी,वादा तो चांदनी का था अँधेरे का नहीं। तोड़ रिश्ते तो हम भी सारे आए थे फिर कच्ची कहाँ डोर पड़ गयी,वादा तो चांदनी का था अँ...
तू क्यूँ धर्मनिरपेक्ष पगली,क्या तेरा कोई धर्म नहीं? तू क्यूँ धर्मनिरपेक्ष पगली,क्या तेरा कोई धर्म नहीं?
अब अंगियन वो शोर नहीं,क्यूँ गलियन में मौज नहीं, अब अंगियन वो शोर नहीं,क्यूँ गलियन में मौज नहीं,
हाँ,अटल अविरल सिन्धु धारा सी चलते देखा हाँ,अटल अविरल सिन्धु धारा सी चलते देखा